सकट चौथ व्रत 2025: सम्पूर्ण जानकारी, पूजा विधि और महत्व
संकट चौथ का व्रत कब है? पूजा कैसे करें? और इसका क्या महत्व है? यह लेख आपको 2025 में पड़ने वाले संकट चौथ व्रत के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। हिंदू धर्म में माता पार्वती को समर्पित इस महत्वपूर्ण व्रत का पालन करने की विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानें।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, संकट चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो अपने पति की लंबी आयु और कल्याण की कामना करती हैं। परन्तु, यह व्रत केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है; पुरुष भी संकटों से मुक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए यह व्रत रख सकते हैं।
संकट चौथ व्रत 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
(कृपया ध्यान दें: यह जानकारी प्रारंभिक है और पंचांग के अंतिम प्रकाशन के बाद अपडेट की जाएगी। सटीक तिथि और मुहूर्त के लिए स्थानीय पंचांग देखें।)
2025 में संकट चौथ व्रत की सही तिथि और शुभ मुहूर्त की घोषणा जल्द ही की जाएगी। हम आपको इस लेख को अपडेट करके सूचित करेंगे। आप अपने स्थानीय ज्योतिषी या पंचांग से भी इस जानकारी की पुष्टि कर सकते हैं।
संकट चौथ व्रत की पूजा विधि: एक सरल मार्गदर्शिका
संकट चौथ का व्रत अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
- प्रातःकाल स्नान और शुद्धि: व्रत के दिन प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल का सजावट: पूजा स्थल को साफ-सफाई करके फूलों और दीपक से सजाएँ।
- भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा: भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें।
- व्रत कथा का श्रवण: संकट चौथ की कथा का श्रवण करें। यह कथा आपको व्रत के महत्व और परंपरा के बारे में विस्तार से बताएगी।
- भोजन और अर्ध्य: व्रत के दौरान निर्जल उपवास या फलाहार किया जाता है। संध्या के समय माता पार्वती को अर्ध्य दें।
- चंद्रमा दर्शन और आरती: चंद्रमा के दर्शन के बाद आरती करें और व्रत का पारण करें।
संकट चौथ व्रत का महत्व: क्यों है यह व्रत इतना खास?
संकट चौथ का व्रत संकटों से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। यह व्रत माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस व्रत के महत्व को निम्नलिखित बिन्दुओं से समझा जा सकता है:
- पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य: सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं।
- संकटों से रक्षा: यह व्रत संकटों से रक्षा करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है।
- मनोकामना की पूर्ति: यह व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी किया जाता है।
- धार्मिक और सामाजिक महत्व: इस व्रत का धार्मिक और सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है। यह व्रत पारिवारिक एकता और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है।
यह लेख आपको संकट चौथ व्रत 2025 के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। शुभ संकट चौथ!
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